Guru Poornima Celebration
July 22, 2024
**न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः। तत्त्वज्ञानात् परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः॥** गुरु की महिमा अपरंपार है। गुरु वह दिव्य शक्ति हैं जो हमें अज्ञानता से मुक्त कर ज्ञान के प्रकाश में लाते हैं। गुरु का सम्मान और उनकी शिक्षाओं का पालन हमारे जीवन को सच्चे अर्थों में सफल और सार्थक बनाता हैं। सागर पब्लिक स्कूल, रातीबड़ के तत्वाधान में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए गए।कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलन कर विद्यार्थियों के द्वारा श्लोक मंत्रित करते हुए किया गया। तत्पश्चात् छात्र-छात्राओ ने अपने शिक्षकों का सम्मान रोली अक्षत लगाकर उनका आशीष लेकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की । इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक का भी आयोजन किया गया। लघु नाटिका के माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करने का संदेश दिया और यह भी बताया कि गुरुपूर्णिमा का धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है? महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस के रूप मानने के कारण इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। पल्लवी अलकुंडी द्वारा नृत्य के माध्यम से गुरुओं को नमन किया गया। छात्रों द्वारा अनेक रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं। गुरुपूर्णिमा भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता हैं। कार्यक्रम के समापन में डायरेक्टर महोदया डॉ जय श्री कंवर ने गुरु के महत्व पर एक लघु कथा के माध्यम से प्रकाश डाला और यह भी बताया कि गुरु के बिना जीवन अधूरा है उसकी कृपा से ही हम हमारे जीवन को सच्चे अर्थों में सफल और सार्थक बना सकते हैं। सफल मंच संचालन शीतल वर्मा ने किया।